विष्णु जी के सुदर्शन चक्र की पूरी कहानी || Where Is Sudarshan Chakra

विष्णु जी के सुदर्शन चक्र की पूरी कहानी || Where Is Sudarshan Chakra

सुदर्शन चक्र दुनिया का सबसे शक्तिशाली शस्त्र जिसने दुनिया से काफी सारी बुराईयाँ मिटाई और पापियों का नाश किया महाभारत का समय हो या शिशुपाल का वध करना हो भगवान श्रीकृष्ण का खूब साथ दिया है

1 दिन अचानक ये चक्र गायब हो गया और तब से यही सवाल था कि आखिर ये चक्र गया गा दोस्त आज हम आपको बताएंगे कि कैसे इतना शक्तिशाली चक्र कहाँ गायब हो गया सुदर्शन चक्र हिंदू माइथोलॉजी के हिसाब से दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार है ये कोई यहाँ मत यार नहीं है

ये कैसा तैयार था जो दुश्मन को एक ही पल में सर्वनाश कर सकता था ये भगवान विष्णु का शस्त्र था जिसे भगवान विष्णु और उनके अवतार धारण कर सकते थे ऐसा जिसका निशाना कभी नहीं छोड़ सकता था भगवान कृष्ण जिसकारण बी सुदर्शन चक्र को छोड़ देते ये चक्री का अंत करके आता था

सुदर्शन चक्र एक ऐसा अचूक अस्त्र था जिसे छोड़ने के बाद ये लक्ष्य का पीछा करता था ये आजकल के मिसाइल रॉकेट इन सब चक्कर के आगे बहुत कमजोर थे सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के मन की बात सुनता था और उन्हें की आज्ञा मानता था

पुराण के मुताबिक यह चक्र किसी तरीके से नहीं चलाया जाता बल्कि ये तो इच्छा शक्ति के हिसाब से ज्ञात करता था ये चक्र का भी हालत ही नहीं करता था जैसे बाहर ने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था उसी को मार कर वापस लौटता था

आख़िर कहा गया सुदर्शन चक्र

इस वजह से भगवान विष्णु से सोच समझकर इस्तेमाल करते से महाभारत के युद्ध में भी श्री कृष्ण ने आखरी बार शस्त्र का इस्तेमाल किया था तो उसके बाद सुदर्शन चक्र के इस्तेमाल का कभी कहीं जिक्र नहीं मिलता आखिर कहाँ गया शक्तिशाली चक्र बताएंगे दोस्तों आपको लेकिन उससे पहले जानते हैं

चक्र कैसा दिखता है

कि चक्र दिखता कैसा था और भगवान विष्णु का आखिरी मिला कहाँ से इस चक्र की आकृति को लेकर भी पुराणो में अलग अलग वर्णन मिलता है और एक और आप एक सुदर्शन चक्र गोल चक्र है

जिसमें 108 प्लेट्स है ये चक्र कई योजन की दूरी तय कर सकता है एक योजन में करीब आठ माइल्स होते हैं 52 पुराण के मुताबिक इसका केंद्र वन ज़ीरो से बना हुआ है इसके केंद्र में 12 थी लिया है तो वहीं छेना भी है 12 थी लिया 12 महीनों को दिखाती है

तो छेना भी छे ऋतुओं को दिखाती है भाई सुदर्शन चक्र के अस्तित्व को लेकर बिहार किसी के अलग अलग मत हैं मान्यताओं के मुताबिक यह चक्र भगवान विष्णु की तर्जनी ऊँगली में भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में अंगूठी के ज़रा समाया हुआ था

ऋग्वेद के अनुसार सुदर्शन एक समय चक्र है

जो लगातार घूमता रहता था ऋग्वेद के मुताबिक ये कोई चक्र था ही नहीं एक समय का चक्र था जो लगातार चलता रहता था जब भी भगवान विष्णु को समय में फेरबदल करना हो या फिर किसी को उसके पापों की सजा दिलानी हो तो भगवान विष्णु और उनके अवतार इस चक्र के जरिये समय को रोक देते थे

मान्यताओं 11 से हार गया भगवान को किसी पापी का नाश करना होता था तो भगवान समय के चक्र में जाकर दुश्मन को निहत्था कर देते थे और फिर उस पर वार करते थे भगवान विष्णु इस चक्र को अपनी इच्छाशक्ति के मुताबिक प्रकट करते थे वही भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र के जरिये महाभारत काल में बहुत से दुश्मनों का सर्वनाश किया था और वही भगवान ने इस समय चक्र के रूप में भी इस्तेमाल किया है

इसीलिए इसे समय चक्र कहा गया था इस चक्कर के जरिये श्रीकृष्ण ने समय को रोककर रख सकते थे समय के पीछे जा सकते थे इस समय के आगे भी जा सकते थे इस समय चुपकर का इस्तेमाल श्रीकृष्ण ने महाभारत में जयद्रथ के वक्त के लिए किया था

दरअसल जब अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर जयरत्ने अभिमन्यु की हत्या कर दी थी तब अर्जुन ने अपने बेटे की हत्या का बदला लेने के लिए प्रतिज्ञा की थी

कि वो अगले दिन सूर्यास्त होने के पहले ही जयदाद की हत्या कर देगा ना वो खुद को जलाकर खत्म कर लेगा अगले दिन कौरवों की सेना चाँद तक जयद्रथ की रक्षा करती रहीं और अंत में जब अर्जुन निराश हो गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी माया की और कुछ देर के लिए सूर्य को छुपा दिया ताकि कौरवों को भ्रम हो सके जब गौरव बहुत खुश हुए और अर्जुन बहुत निराश तब कृष्ण ने अपनी माया समेट ली और सूर्य को वापस उदय कर दिया ये देखकर चैत्र खबर आ गया और उसे अपनी मौत सामने दिखने लगी तब अर्जुन ने अपने बेटे की मौत का बदला ज़ेद्रत को मारते हुए लिया बहुत समय श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र के जरिये समय के कुछ पल के लिए रोक दिया था

और कौरवों को प्रभावित कर दिया था इसके अलावा जब अर्जुन नीयत से घबराए हुए थे और अब युद्ध में भाग नहीं लेना चाहते थे और दुखी थे तब उनको उनके कर्तव्य का क्या न कराने के लिए श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया था श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए समय को सुदर्शन चक्र की सहायता से रोक दिया था

अर्जुन को एक बयान दिया था बाद में उन्होंने इसी चक्कर के बदल से वापस सबकुछ पहले जैसा ही कर दिया था दोस्तों इन्हीं सब बातों को लेकर लोगों के अलग अलग मत हैं कुछ कर कह रहा था

की ये चक्र भाव दिखाते आता ही नहीं ये तो बस भगवान विष्णु की इच्छा शक्ति से पैदा होता था और भगवान विष्णु ऐसा जीस तरह से चाय इस्तेमाल कर सकते हैं भगवान विष्णु की इच्छा शक्ति से पैदा होने के बाद हवा और आग के सहयोग से अपना काम करता था नहीं कुछ लोगों का मानना था

कि सुदर्शन चक्र एक बहुत ही हथियार था जो भगवान विष्णु और उनके बता रहा हूँ कोई मिलता था और सिर्फ वही इसे चलाने की विधि जानते थे पौराणिक कथाओं के मुताबिक सुदर्शन चक्र की उत्पत्ति को लेकर अलग अलग कथाएं जुड़ी हुई थी के मुताबिक एक भौतिक स् तर ही था

और ये विज्ञान के मुताबिक बहुत शक्तिशाली बनाया गया था इस चक्र की उत्पत्ति के लिए कई सारी कथाएँ फेमस है पर सबसे ज्यादा प्रचलित ये कथा है की चक्र भगवान शिव ने भगवान विष्णु को दिया था दरअसल एक बार राक्षसों ने देवताओं का जीना दुश्वार कर दिया था

हर जगह लोगों को परेशान करते रहते थे और देवता ऐसी बात से दुखी थे तब सभी देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास गए और उनसे मदद मांगी गुमान सके तब भगवान विष्णु ने जर्मन राक्षसों को मारने की कोशिश की तब उन्होंने देखा कि राक्षसों के पास शक्ति थी

जैसे ही वो राक्षसों को मार दे वो राक्षसी खुद को ठीक कर वापस जिंदा हो जाते हैं भगवान विष्णु ने सोचा की आप सिर्फ भगवान शिव उनकी मदद कर सकते हैं जब भगवान विष्णु भगवान शिव की शरण में गए हैं

लेकिन उस समय भगवान शिव साधना कर रहे थे भगवान विष्णु की साधना को भंग ना करके उनकी तपस्या करने का सोचा कि मैं कभी ना कभी तो उनकी आवाज भगवान शिव तक पहुंचेगी कई साल तक भगवान कृष्ण भगवान शिव की तपस्या करते रहे भगवान विष्णु भगवान शिव की उपासना कर रहे थे

शिव पुराण के अनुसार शिवजी ने दिया था चक्र

तब वो रोज़ भगवान शिव को 1000 कमल के फूल चढ़ाते थे हम की भक्ति को देखते हुए एक बार भगवान शिव ने विष्णु जी की परीक्षा लेने की सोंची क्या 1 दिन जब भगवान विष्णु भगवान शिव के लिए भूल इकट्ठा कर रहे थे तब भगवान शिव ने एक गोल छिपा दिया एक पूल गम पागल भगवान विष्णु ने सोचा कि मेरी आंखें भी कमल की जैसी है

ये सो जैसे उन्होंने अपनी एक फूल की जगह चला दी ये देखकर भगवान से बहुत खुश हुईं और उन्होंने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया जो एक ही पल में किसी दुश्मन का सर्वनाश कर सकता तब से ही भगवान विष्णु के पास ही चक्र मौजूद था सुदर्शन चक्र दो चक्रों से मिलकर बना था

जो लगातार अलग अलग दिशाओं में घूमते रहते हैं शिव पुराण के बता देंगे इसमें 108 नहीं बल्कि 10,00,000 लेटस है पौराणिक कथाओं के मुताबिक यही कथा सबसे ज्यादा प्रचलित थी वैसे दोस्तों इस चक्र को लेकर और भी कथाएं प्राणों के उधार देके चक्र विश्वकर्मा ने बनाया था

सूरज के तेज से विश्वकर्मा ने तीन चीजों का बनाया था जिनमें सुदर्शन चक्र पुष्पक व्यवहार और त्रिशूर शामिल था वाल्मीकि रामायण में वर्णन है ये भगवान विष्णु ने चक्रवात नाम के पहाड़ पर माँ एग्री नाम के राक्षस को मार दिया था और उससे विश्वकर्मा द्वारा बनाए गए चक्र को छीन लिया ताकि इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सके और दोस्तों ये बात सही नहीं मानी जाती क्योंकि पौराणिक कथाओं में ये बात का उल्लेख था

इस चक्र को भगवान विष्णु के अलावा कोई और नहीं चला सकता था ना इसे चलाने की विधि जानता कुछ शास्त्रों में ये भी लिखा था कैसे भगवान बृहस्पति ने बनाया था

उन्होंने चक्र ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों की शक्तियां को मिलाकर बनाया था और अंत में उसे भगवान विष्णु को सौंप दिया गया ये कथाएँ दोस्तों कुछ मदों में सही नहीं लगती लोगों का मानना था कि भगवान विष्णु ने चक्र खुद ही पैदा किया था क्योंकि वो खुद को चक्रधारी मानते थे

ये तो सभी मत इस चक्र की उत्पत्ति को ले गए लेकिन जो बात आज भी रहस्य बनी हुई है वो ये है की आखिर ये सुदर्शन चक्र आज कहाँ हैं भगवान विष्णु का भगवान कृष्ण के बाद कोई अवतार नहीं हुआ ना ही उनके बाद कभी इस चक्र का कोई उल्लेख हुआ है दोस्तों इस सवाल का एक जवाब भविष्य पुराण में मिलता है

जब श्रीकृष्ण ने अपनी देह त्यागी तबि चक्र में उनके साथ ही धरती में समा गया और आज भी वही है कलियुग में अपराध बढ़ जाने पर जब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर वापस आएँगे तब ये चक्रव्यूह को मिल जायेगा क्योंकि ये चक्र चक्रधारी विष्णु जी का ही है

🌀 The Mysterious Disappearance of Sudarshan Chakra

Introduction

The Sudarshan Chakra, a powerful weapon associated with Lord Vishnu, has played a crucial role in eliminating evil and destroying the enemies during significant events like the Mahabharata war and the slaying of Shishupala.

However, one day, this mighty weapon mysteriously disappeared, leaving everyone wondering about its whereabouts. In this article, we delve into the intriguing story of Sudarshan Chakra and explore its significance in Hindu mythology.

Where Did Sudarshan Chakra Go?

  1. 🌟 Vanishing Act: Sudarshan Chakra suddenly vanished one day, sparking questions about its whereabouts. Today, we uncover the mystery of how this potent weapon disappeared.

The Mighty Sudarshan Chakra

  1. 🗡️ Unparalleled Power: Sudarshan Chakra, deemed as the most powerful weapon globally, could instantly annihilate enemies. Whether in the time of Mahabharata or during the slaying of Shishupala, it remained a faithful companion to Lord Shri Krishna.

The Divine Design

  1. 🌀 Unique Construction: Crafted to perfection, Sudarshan Chakra was a divine weapon that Lord Vishnu and his avatars could wield. It had an unerring aim, and Bhagwan Krishna, for specific reasons, occasionally chose to leave it aside.
  2. 🎯 Precision and Tracking: Sudarshan Chakra, an infallible weapon, would pursue its target relentlessly. In comparison, modern missiles and rockets pale in comparison to the precision and tracking abilities of this divine disc.

Mystical Operation

  1. 🔮 Willpower Activation: According to Puranas, Sudarshan Chakra wasn’t operated conventionally but responded to the willpower of its wielder. It only acted based on divine command and never served any selfish or malevolent purpose.
  2. 🔄 Return Mechanism: Unlike conventional weapons, Sudarshan Chakra didn’t need to be physically directed. After accomplishing its mission, it returned to its possessor, symbolizing the cyclical nature of divine justice.

The Enigmatic Appearance

  1. 🔍 Visual Representation: Descriptions of Sudarshan Chakra’s appearance vary in the Puranas. Some depict it as a wheel with 108 plates, capable of determining distances, while others describe it as a spherical disc with mystical symbols.
  2. 🔵 Symbolic Meaning: The 108 plates in Sudarshan Chakra signify its ability to determine vast distances. Its center, with 12 spokes and 12 rims, is believed to represent the 12 months, aligning with the cosmic order.

Interpretations and Beliefs

  1. 🤔 Diverse Beliefs: There are diverse beliefs regarding the existence of Sudarshan Chakra. Some argue it resembles a ring worn by Lord Vishnu on his index finger, while others believe it is a spinning disc devoid of a physical form.
  2. 🌅 Mythological Significance: Sudarshan Chakra holds immense mythological significance, with interpretations varying across different regions and traditions in India. Some consider it an extension of Lord Vishnu’s forefinger, while others view it as an independent, circular weapon.

Sudarshan Chakra in Action

  1. 🌐 Global Recognition: Sudarshan Chakra found its place not just in the epic Mahabharata but also in Rigveda, where it was described as a time wheel, continuously rotating. Its purpose was to assist Lord Vishnu in managing time and dispensing justice.
  2. 🕰️ Time Manipulation: Sudarshan Chakra allowed Lord Vishnu and his avatars to manipulate time. In critical moments, it served as a tool to either halt time, change events, or deliver justice to evildoers.

Sudarshan Chakra: The Time Stopper

  1. ⏸️ Halt in Mahabharata: During the Mahabharata war, Shri Krishna employed Sudarshan Chakra to momentarily stop time. This pivotal moment allowed Arjuna to fulfill his pledge of killing Jayadratha before sunset.
  2. 🌞 Solar Eclipse Illusion: Shri Krishna, using his mystical powers, created an illusion of a solar eclipse by briefly concealing the sun. This strategic move confused the Kauravas and played a crucial role in the slaying of Jayadratha.

Conclusion: Where Did Sudarshan Chakra Go?

  1. 🌌 Eternal Mystery: The whereabouts of Sudarshan Chakra remain an eternal mystery. After its last known use in the Mahabharata, the divine disc seems to have vanished into the realms of unknown, leaving us with speculation and curiosity.
  2. 🔄 Cyclic Nature: Just as Sudarshan Chakra symbolizes the cyclical nature of time, its mysterious disappearance adds an element of mystique to the rich tapestry of Hindu mythology.

FAQ – Frequently Asked Questions

Q1: What is Sudarshan Chakra’s significance in Hindu mythology?

A1: Sudarshan Chakra is considered the most potent weapon in Hindu mythology, associated with Lord Vishnu. It played a pivotal role in eliminating evil and ensuring justice during events like the Mahabharata war.

Q2: How did Sudarshan Chakra disappear?

A2: Sudarshan Chakra mysteriously vanished one day, and its disappearance remains an unsolved mystery. There is no conclusive answer to where it went after its last known use.

Q3: What is the symbolic meaning of Sudarshan Chakra’s design?

A3: Sudarshan Chakra’s design, with 108 plates, signifies its ability to determine vast distances. The center with 12 spokes and 12 rims represents the cosmic order, aligning with the cycles of time.

Q4: Was Sudarshan Chakra only used during the Mahabharata?

A4: While Sudarshan Chakra is prominently associated with the Mahabharata, it was a divine weapon that Lord Vishnu and his avatars could use across various epochs to dispense justice and manage time.

Q5: Why is Sudarshan Chakra referred to as the “Time Chakra”?

A5: Sudarshan Chakra is often called the “Time Chakra” because of its association with time manipulation. Lord Vishnu and his avatars used it to momentarily stop time or alter events to fulfill divine purposes.

Q6: Is there a specific depiction of Sudarshan Chakra’s appearance?

A6: Descriptions of Sudarshan Chakra’s appearance vary in the Puranas. It is sometimes depicted as a wheel with 108 plates or as a spherical disc with mystical symbols, contributing to the diverse beliefs surrounding its form.

Q7: What role did Sudarshan Chakra play in the slaying of Jayadratha?

A7: Sudarshan Chakra played a crucial role in the Mahabharata when Lord Krishna used it to create an illusion of a solar eclipse, momentarily halting time. This strategic move facilitated the fulfillment of Arjuna’s pledge to slay Jayadratha before sunset.

In conclusion, Sudarshan Chakra’s enigmatic nature continues to captivate the imagination, reminding us of the mystical elements embedded in Hindu mythology. The divine disc, with its unique

  • 🕉️ Lord Krishna imparted the teachings of the Bhagavad Gita to Arjuna when he was in a state of sorrow and confusion about his duties.
  • ⏰ Using the Sudarshan Chakra, Lord Krishna intervened to stop time while imparting the knowledge of the Gita to Arjuna.
  • 🔄 Arjuna initially hesitated to fulfill his duties but later, after the discourse, he resumed his original course of action.
  • 💨 The Sudarshan Chakra, a powerful weapon, was believed to be created by Lord Vishnu’s divine will, assisted by the elements of air and fire.
  • 🌪️ According to various myths, the Sudarshan Chakra had different origin stories, with some attributing its creation to Lord Shiva.
  • 🔮 The Sudarshan Chakra was considered potent and could only be wielded by those who knew the proper technique to operate it.
  • 🌞 Vishwakarma, the divine architect, was said to have created the Sudarshan Chakra along with other celestial objects using the sun’s brilliance.
  • 🤔 There are diverse legends regarding the origin of the Sudarshan Chakra, and one prevalent story involves Vishnu receiving it from Shiva.
  • 🤯 The Sudarshan Chakra had the ability to move in various directions simultaneously, with some myths suggesting 10,00,000 blades.
  • 🛑 The Sudarshan Chakra, once given to Vishnu, was considered inseparable from him, ensuring that no one else could wield it.

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